तैयारियों पर CM योगी की पैनी नजर, जानिए क्या होगा खास

गोरखपुर : गोरखपुर के गोरक्षनाथ मंदिर के सुप्रसिद्ध खिचड़ी मेले को लेकर गोरक्षपीठाधीश्वर और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद पल-पल की खबर ले रहे हैं। गुरुवार की सुबह 3 बजे नेपाल राजपरिवार की खिचड़ी चढ़ने के साथ महीने भर चलने वाले खिचड़ी मेले का शुभारंभ होगा।
खिचड़ी मेले की तैयारियों पर पैनी नज़र
मुख्यमंत्री खिचड़ी मेले की तैयारियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने इस बाबत अधिकारियों के साथ बैठक भी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कड़े लहजे में कहा कि मकर संक्रांति पर लाखों की भीड़ गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए आएगी। श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। मंगलवार की रात तकरीबन 45 मिनट तक मेला से संबंधित विभिन्न अधिकारियों के साथ पूरे परिसर का भ्रमण किया और जरूरी दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि मंदिर और मेला ग्राऊंड के रास्ते में कोई अवरोध का दुकान नहीं लगनी चाहिए। हर हाल में पॉलिथीन का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालुओं को भी खिचड़ी चढ़ाने के लिए कपड़े या जूट के बैग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए। मेला ग्राऊंड के स्थाई और अस्थाई शौचालयों की दिन में कई बार सफाई की जाए। सुनिश्चित किया जाए, उसके कोई गंदगी न हो और पानी का भरपुर इंतजाम रहे।
गोरक्षनाथ मंदिर
खाद्य सामग्री एवं प्रसाद की गुणवत्ता की भी निगरानी करें
मंदिर परिसर में बिकने वाली खाद्य सामग्री एवं प्रसाद की गुणवत्ता की भी निगरानी की जाए। भण्डारे नियमित चले, लेकिन वहां कोई भीड़ न हो। प्रत्येक श्रद्धालु को भंडारे में साफ सफाई के साथ भोजन मिले। सुनिश्चित किया जाए कि रेलवे और बस स्टेशन से मंदिर आने के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो। मेला परिसर के अलावा शहर के सभी मार्गो की साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए।
खिचड़ी मेले को लेकर यह है मान्यता
खिचड़ी मेले का पौराणिक इतिहास है। मान्यता है कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ज्वाला देवी ने बाबा गोरखनाथ को भोज पर आतिथ्य स्वीकार करने का आग्रह किया। बाबा गोरखनाथ ने वहां पहुंचकर उनसे कहा कि वे योगी हैं, भिक्षाटन में मिला भोजन ही ग्रहण करते हैं। उन्होंने ज्वाला देवी को पानी गरम कर भिक्षाटन कर आने की बात कही। बाबा गोरखनाथ वहां से भिक्षाटन के लिए निकले और गोरखपुर में अखण्ड धूनी सजाकर तप करने लगे। इसके बाद यहां पर लोगों ने उन्हें कच्ची खिचड़ी चढ़ाना शुरू किया। सदियों पुरानी उसी परंपरा का आज भी लोग पालन करते चले आ रहे हैं।
गोरक्षनाथ मंदिर
महीने भर चलेगा मेला
मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाला खिचड़ी मेला करीब एक महीने तक चलेगा। मकर संक्रांति को देखते हुए बैरिकेडिंग और सुरक्षा के सारे इंतजाम पूरे हो गए हैं। बाबा गोरखनाथ के दरबार में वैश्विक माहामारी के बीच पहली बार पड़ रहे इस पर्व पर भी लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। मकर संक्रांति को देखते हुए कोविड-19 प्रोटोकाल का भी खास ख्याल रखा गया है. इसके अलावा हर आने-जाने वाले लोगों की जांच के साथ उन्हें सामाजिक दूरी का भी खास ख्याल रखने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
खजला और झूले हैं मेले की शान
खजला मिठाई और झूला इस मेले की शान मानी जाती है। यहां आने वाले लोग खजला मिठाई को खूब पसंद करते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से झूला कंपनियां मेले में पहुंच चुकी हैं। लोग पहली जनवरी से ही झूले का आनंद ले रहे हैं।
संत कबीर के परिनिर्वाण स्थली मगहर में भी चढ़ेगी खिचड़ी
महान संत कबीर की धरती मगहर में भी मकर संक्रांति पर्व पर खिचड़ी चढ़ाने के लिए 14 जनवरी को आस्थावान आएंगे। इस पर्व को लेकर ज्ञद्धालुओं में काफी उत्साह है। समाधि व मजार पर मत्था टेककर खिचड़ी चढ़ाते है। कबीर चौरा परिसर में आने वाले साधु-संतों व श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। पर्यटन विभाग से महोत्सव के आयोजन के लिए 40 लाख रुपये की डिमांड की गई थी। कोरोना संकट काल में शासन से यह धन नहीं मिला।
प्रशासनिक स्तर पर 12 जनवरी से होने वाले मगहर महोत्सव का कार्यक्रम स्थगित हो गया। इसके बाद भी यहां पर मेला लग रहा है। दुकानें सज रही हैं। कबीर चौरा के महंत विचारदास ने बताया कि सद्गुरु को खिचड़ी चढ़ेगी। ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय, जैसी अनेक रचनाएं आज भी सभी का मार्गदर्शन करती है। ज्ञान मार्गी, कर्म योगी और समाज परिवर्तन के आधार नई परंपरा के अनुयायी कबीर आज भी पूज्यनीय हैं।