क्रिसमस पर ऐसी सजा दे रहा ये देश, देख कांप उठेगी आपकी भी रूह

नई दिल्ली : 2010 की जनगणना को ध्यान में रखते हुए दुनिया का सबसे ज्यादा फैला हुआ धर्म ईसाई है। आपको बता दें कि इस धर्म में दुनिया की तकरीबन 31 फीसदी आबादी है। यानी करीब 7 अरब में से 2. 2 अरब लोग ईसाई हैं। इसका मतलब 70 फीसदी लोग ईसाई नहीं हैं। धार्मिक तौर पर यह लोग क्रिसमस नहीं मनाते हैं। दुनिया में 200 देशों में से करीब 40 से ज्यादा ऐसे देश हैं जहां लोग क्रिसमस को एक आम दिन मानते हैं। इन देशों में क्रिसमस के इस मौके पर कोई सार्वजानिक अवकाश नहीं होता हैं।
18 देशों में लोग नहीं मनाते क्रिसमस
गैर ईसाई देशों में से करीब 43 ऐसे देश हैं जहां क्रिसमस के दिन को खास नहीं माना जाता हैं। लेकिन इसमें से आधे से ज्यादा ऐसे देश भी हैं जहां लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इन देशों में क्रिसमस की सजावट देखने को मिल जाती हैं। किसी तौर पर यहां के लोग इस दिन को मानते हुए दिख जाते हैं। लेकिन करीब 18 ऐसे देश हैं जहां लोग क्रिसमस को किसी तरह भी नहीं मनाते हैं।
क्रिसमस मनाने पर होती है सजा
अफगानिस्तान के इस देश में क्रिसमस जैसे पर्व को मनाने पर सजा मिलती है। इस देश में क्रिसमस को मनाना किसी जोखिम से कम नहीं हैं। आपको बता दें कि इस देश में 1990 के दशक से तालिबान की हुकूमत चलती आ रही है। ईसाई देशों के साथ इस देश का लगातार संघर्ष देखने को मिलता आ रहा है। इसलिए इस इस्लामी देश में अगर कोई क्रिसमस मनाता है तो उसे सजा के तौर पर अत्याचार सहने का जोखिम उठाना पड़ता है। ऐसे कितने इस्लामी देश हैं जहां क्रिसमस नहीं मनाया जाता है।
इन इस्लामिक देशों में नहीं मनाया जाता क्रिसमस
साल 1962 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद से इन मुस्लिम देशों में क्रिसमस मनाने की परम्परा नहीं रही। आपको बता दें कि तेल के लिए मशहूर इस्लामी देश ब्रूनेई में सार्वजानिक तौर पर क्रिसमस नहीं मनाने का कानून है। इसके साथ इस देश इस कानून को तोड़ने पर पांच साल तक जेल की सजा या 20,000 डॉलर का जुर्माना या दोनों भी है।