कोलकाता सहित पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण के गवाह बन सकेंगे

कोलकाता सहित पूर्वी हिंदुस्तान के कुछ हिस्सों के लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण के गवाह बन सकेंगे, जबकि राष्ट्र के बाकी हिस्सों में लोगों को सिर्फ ग्रहण का आंशिक चरण और उसमें होने वाली प्रगति दिखाई देगी.
दिवाली के अगले दिन आंशिक सूर्य ग्रहण के लगभग एक पखवाड़े बाद हिंदुस्तान और दुनिया के कई अन्य राष्ट्रों में आठ नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. मशहूर खगोल विज्ञानी देबी प्रसाद दुआरी ने यह जानकारी दी.
दुआरी ने बोला कि भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रूस के अतिरिक्त एशिया के कई अन्य हिस्सों, उत्तर और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर क्षेत्र के लोग इस खगोलीय घटना का दीदार कर सकेंगे.
दुआरी ने बोला कि पूर्ण चंद्र ग्रहण हर स्थान नहीं दिखाई देगा और आरंभ में लातिन अमेरिका के कुछ राष्ट्रों में आंशिक चंद्र ग्रहण नजर आएगा.
उन्होंने बोला कि आठ नवंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर चंद्र ग्रहण प्रारम्भ होगा और लगभग तीन बजकर 46 मिनट पर यह पूर्ण चरण में पहुंच जाएगा. साढ़े चार बजे के आसपास चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा.
दुआरी ने बताया कि पूर्ण ग्रहण पांच बजकर 11 मिनट पर खत्म हो जाएगा, जबकि आंशिक ग्रहण शाम के छह बजकर 19 मिनट के आसपास समाप्त होगा.
उन्होंने कहा, हिंदुस्तान के सभी हिस्सों में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा, लेकिन आंशिक और पूर्ण, दोनों ही रूपों के प्रारंभिक चरण नहीं दिखाई देंगे, क्योंकि दोनों घटनाएं तब प्रारम्भ होंगी, जब राष्ट्र में चंद्रमा हर स्थान क्षितिज से नीचे होगा.
दुआरी ने बताया कि कोलकाता सहित पूर्वी हिंदुस्तान के कुछ हिस्सों के लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण के गवाह बन सकेंगे, जबकि राष्ट्र के बाकी हिस्सों में लोगों को सिर्फ ग्रहण का आंशिक चरण और उसमें होने वाली प्रगति दिखाई देगी.
कोलकाता शहर में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से लगभग चार बजकर 52 मिनट पर निकलना प्रारम्भ होगा और इसके दो मिनट बाद पूरी तरह से दिखाई देगा.
दुआरी ने बताया कि नई दिल्ली में चंद्रोदय के बाद लगभग साढ़े पांच बजे से आंशिक ग्रहण देखा जा सकेगा, जिसमें चंद्रमा 66 फीसदी ढका नजर आएगा. उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान में अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण सात सितंबर 2025 को दिखाई देगा.