जिनके निधन पर आज रो रहा देश का हर किसान, जानिए कौन हैं दातार सिंह

अमृतसर: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज भी जारी है। किसान संगठनों के नेताओं का कहना है जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं कर देती उनका आंदोलन ऐसे ही आगे भी चलता रहेगा।
सोमवार को पंजाब के अमृतसर से एक ऐसी खबर आई है। जिससे किसानों आंदोलन में शोक की लहर देखने को मिल रही है। दरअसल अमृतसर में कीर्ति किसान यूनियन के प्रधान मास्टर दातार सिंह का हार्ट अटैक से आज निधन हो गया।
उन्हें हार्ट अटैक एक सभा के दौरान आया था। विरसा विहार में स्वतंत्रता सेनानी उजागर सिंह की याद में रखे गए कार्यक्रम को सम्बोधित करते के बाद दातार सिंह ने जैसे ही अपनी वाणी की विराम देने की कोशिश की। उन्हें हार्ट अटैक आ गया।
हार्ट अटैक के बाद उन्हें अस्पताल में ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की खबर जैसे ही पंजाब से होते सिंघु और गाजीपुर पर बैठे आंदोलनकारियों को हुई।
उनकी आंखें भर आई। दातार सिंह तीन दिन पहले ही दिल्ली धरने से लौटे थे और अमृतसर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया जाना था लेकिन उससे पहले ही यह घटना हो गई।
मेरा समय खत्म होता है, इतना कहने के बाद जमीन पर गिर पड़े दातार सिंह
दातार सिंह आज सभा में किसान आंदोलन को लेकर मंच से अपने विचार रख रहे थे। अपनी बात पूरी करने के बाद दातार सिंह ने कहा, अलविदा! मेरा समय खत्म होता है।
इतना कहने के बाद जैसे ही वह कुर्सी पर बैठे उन्हें हार्ट अटैक की शिकायत हुई। जिसके बाद अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।
दातार सिंह के निधन से किसान नेताओं और उनके चाहने वालों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। उनके प्रशंसकों का कहना है कि दातार सिंह की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता है। वह हमेशा किसानों का हित चाहते थे। दातार सिंह कृषि कानून वापस लिए जाने को लेकर कई प्रदर्शनों में भी शामिल हुए थे।
मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी सरकार कृषि कानून का समाधान तलाशने के बजाए किसान नेताओं को बांटने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा था कि सरकार जबतक कृषि कानून वापस नहीं ले लेती है तबतक किसान अपने घर नहीं जाएंगे।